sidh kunjika - An Overview



शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ।

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

नमस्ते शुंभहंत्र्यै च निशुंभासुरघातिनि ।

धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।

क्लींकारी काल-रूपिण्यै, बीजरूपे नमोऽस्तु ते।।

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका ।

छठ की व्यापकता में get more info पोखर तालाब से टूटता नाता

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः

इसके प्रभाव से जातक उच्चाटन, वशीकरण,  मारण, मोहन, स्तम्भन जैसी सिद्धि पाने में सफल होता है.

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